दुनिया के सबसे छोटे पेसमेकर के बड़े कमाल, 15 ग्राम के माइक्रा एवी पेसमेकर की बैटरी लाइफ 15 साल, जानिए क्या है खास…

दुनिया के सबसे छोटे पेसमेकर के बड़े कमाल, 15 ग्राम के माइक्रा एवी पेसमेकर की बैटरी लाइफ 15 साल, जानिए क्या है खास…

आगरा: हृदय रोग के मरीजों को न्यूनतम शल्यक्रिया देने के लिए अत्याधुनिक तकनीक पेश कर मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल साकेत दिल्ली उत्तर भारत में कार्डियक साइंस के लिए पसंदीदा स्वास्थ्य सेवा केंद्र बन गया है। इस तकनीक से मृत्यु की आशंका भी कम रहती है और मरीज की रोग मुक्ति दर भी अधिक रहती है। 

मैक्स हेल्थकेयर में कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन और प्रमुख पद्मश्री डॉक्टर बलबीर सिंह ने 54 वर्षीय एक मरीज पर यह अत्याधुनिक तकनीक सफलतापूर्वक आजमाई है। अत्याधुनिक पेसमेकर टेक्नोलॉजी में विश्व का सबसे छोटा पेसमेकर प्रत्यारोपित किया जाता है। जिसकी बैटरी लाइफ 15 साल होती है जबकि इस डिवाइस का वजन 15 ग्राम होती है और इसमें दोहरी चैंबर क्षमताएं होती हैं। अभी तक भारत के दो अन्य अस्पतालों में ही इस तरह का डिवाइस इंप्लांट किया गया है। 

डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि हमने माइक्रो प्रत्यारोपित करने का फैसला न सिर्फ इसके लंबे जीवनकाल के कारण किया है बल्कि इसके खास गुणों से भी वाकिफ होते हुए किया है। इसे प्रत्यारोपित करने से उसका शारीरिक सौंदर्य बना रहता है तथा उसके लिए चिकित्सा प्रक्रिया भी आसान रहती है। 

एक बड़े विटामिन कैप्सूल के आकार का यह नई पीढ़ी का वायरलेस पेसमेकर अमेरिका एफडीए संस्था से मान्यता प्राप्त है। इस उपचार प्रक्रिया में अस्पताल में भी सिर्फ एक दिन ही रहना पड़ता है। साथ ही यह डिवाइस एमआरआई जांच में भी अनुकूल है तथा परंपरागत पेसमेकर की तरह इसमें अलग से कोई लीड भी नहीं लगी होती है। 

 

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