बहुत आसान है आंशिक घुटने का रिप्लेसमेंट

आगरा : अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राजधानी में अधिक संख्या में युवा वयस्कों के घुटने में दर्द रहता है। आंकड़ों के अनुसार, 1 से 3 प्रतिशत युवा वयस्कों में घुटने के दर्द का अनुभव किसी भी समय हो सकता है। आमतौर पर घुटने से सटे मांसपेशियों में असंतुलन के कारण भी कभी कभी दर्द होता है, जो कि घुटने के दर्द पर पूरी तरह से प्रभाव डालता है। दर्द बढ़ने का सबसे सामान्य कारण माना जाता है अपाच्य खानपान और अजीबोगरीब जीवन शैली। वैसे, बता दें कि इन दिनों जंक और जमे हुए भोजन नियमित रूप से लेना ही गठिया और जोड़ों के दर्द को कम करने का प्रमुख कारण माना जा रहा है। बैक्टीरिया, जो एक उच्च वसा वाले जंक फूड पर अपना डेरा डाले हुए होते हैं, शरीर में सूजन को ट्रिगर करते हैं, यानी और ज्यादा बढ़ा देते हैं। दरअसल, यही बैक्टीरिया हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को घुटने की तरह जोड़ों में अपने कार्टिलेज और कोशिकाओं पर हमला करने का कारण बनता है, जो कि विशेष रूप से अति संवेदनशील होते हैं।

 

डॉ. रमनीक महाजन, निदेशक (हड्डी रोग विशेषज्ञ) और हेड जॉइंट रिकंस्ट्रक्शन (हिप और घुटने) यूनिट, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत ने आंशिक घुटने का रिप्लेसमेंट के बारे में कहा, ‘एक सर्वे के अनुसार, युवाओं के घुटने में दर्द रहने वाले व्यक्तियों की संख्या में इन दिनों बेतहाषा वृद्धि हुई है, हालांकि इसका निदान है। दरअसल, अब वे अपने घुटनों के पैकअप के इंतजार के बजाय सक्रिय जीवन शैली बनाए रखने में सक्षम हो सकते हैं। आंशिक घुटने का रिप्लेसमेंट और नए मिश्र धातु प्रत्यारोपण जैसी नवीनतम तकनीक पिछले वाले तकनीक की तुलना में बहुत बेहतर और कारगर साबित हो रही है, जो घुटनों के दर्द पर लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित करती रहती है। इससे पहले घुटने के प्रतिस्थापन को लगातार दर्द से पीड़ित बुजुर्गों के लिए एक आवश्यकता माना जाता था, लेकिन आज बेहतर इम्प्लांट तकनीक के कारण युवा पीढ़ी कम उम्र में सर्जरी के प्रति सकारात्मक रुख अपना रही है।’ 

बता दें कि आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन का मुख्य लाभ यह है कि यह  एसीएल  को  संरक्षित  करता है, जो  घुटने की  स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण बंधन है, जो कुल घुटने के प्रतिस्थापन के मामले में विपरीत  है।  चूंकि  यह न्यूनतम  चीरा दृष्टिकोण  का अनुसरण करता है, इसीलिए ज्यादातर घुटने से पीड़ित  रोगी  इस  तकनीक  को  अपनाने  में  कोताही  महसूस  नहीं  करते,  क्योंकि  न केवल यह स्नायुबंधन को  बरकरार रखता है, बल्कि  मरीज  घुटने के बदले हुए हिस्से को एक प्राकृतिक हिस्सा मानता है, महाजन ने यह जानकारी दी। 

डॉ. ने आगे कहा, ‘ज्यादातर घुटने के दर्द के मामलों में गठिया के विपरीत केवल औसत दर्जे का या पार्श्व हिस्सा ही प्रभावित होता  है। हालांकि यह उन तीनों हिस्सों को भी प्रभावित करता है। हां, इसमें कोई दो राय नहीं  कि  यदि  प्रारंभिक चरण में  डायग्नोसिस हो जाता है, तो इसका इलाज दवाओं के माध्यम से अच्छी तरह  से किया जा सकता है, लेकिन  जब लक्षण  चरम स्थिति को पार कर जाते हैं, तो ऐसे में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बच जाता है। घुटने के इलाज के लिए पूरे घुटने का प्रतिस्थापन सबसे  आम  और  पारंपरिक  तरीका  रहा   है। यह तभी  उपयोगी  और  आवश्यक  है, जब  तीनों कम्पार्टमेंट शामिल हों। यह वह जगह है जहाँ यूनिकम्पार्टमेंटल घुटने की सर्जरी सहायक होती है।’
 
डॉ. ने आगे कहा, आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जहां कार्टिलेज पूरी तरह से  खराब  हो  जाने  पर  घुटने के जोड़ों के आंतरिक और सामने के दोनों हिस्से फिर से संगठित  हो  जाते हैं।’ उन्होंने कहा, हम आपको बता दें  कि उम्र बढ़ने की बीमारी से पीड़ित युवा रोगियों के लिए  आंशिक घुटने  का प्रतिस्थापन  एक अच्छा विकल्प बन सकता है। अन्य इनवेसिव प्रक्रियाओं के विपरीत,आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन को रोगी के घुटने पर एक छोटे चीरे के माध्यम से किया जा सकता है। यहअधिक प्राकृतिक रोगी-विशिष्ट स्थिति के साथ हमारी प्राकृतिक हड्डीऔर ऊतक के संरक्षण में भी मदद करता है, जिससे प्राकृतिक एहसास होता है।

ऑर्थो नेविगेशन सूट जैसी उन्नत नेविगेशन तकनीकों के साथ संयुक्त ब्रेनलैब से एकीकृत तकनीक मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उपलब्ध है।’ 

डॉ. महाजन ने कहा, ‘यह   तकनीक दिल्ली    एनसीआर में एकमात्र अस्पताल मैक्स में उपलब्ध है, क्योंकि  यहां  आंशिक  घुटने  के प्रतिस्थापन   के  परिणाम  बेहद  संतोषजनक हैं। युवा  गठिया  में आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन एक   बहुत ही  सफल प्रक्रिया है, जहां  रोग घुटने  के  औसत दर्जे के कम्पार्टमेंट तक  ही  सीमित  है। याद रहे  कि यदि आपने    किसी भी कारण से संशोधन सर्जरी की परिकल्पना की है, तो आप भी इस प्रक्रिया का अतिरिक्त लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि आपके घुटने को अभी भी पूर्ण प्रतिस्थापन में आसानी से बदला जा सकता है।’

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