मजबूत इम्यून सिस्टम से कैंसर को हराया जा सकता है।

मजबूत इम्यून सिस्टम से कैंसर को हराना संभव

नोएडा। कैंसर का इलाज कई दशकों तक सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे सीधे उपायों पर निर्भर रहा है। लेकिन अब इलाज का एक नया रास्ता खुला है, इम्यूनोथेरेपी। यह तकनीक खुद शरीर की इम्यून सिस्टम को ताकत देती है ताकि वह कैंसर सेल्स को पहचानकर उन्हें खत्म कर सके। खासकर उन मरीजों के लिए, जिनका कैंसर साधारण इलाज से काबू में नहीं आ रहा, इम्यूनोथेरेपी से नए जीवन की उम्मीद जगी है, ज्यादा जीने की संभावना, कम साइड इफेक्ट्स और कई मामलों में बीमारी से पूरी तरह राहत। 


डॉ. राघव केसरी, सीनियर कंसल्टेंट और हेड, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के अनुसार, "इम्यूनोथेरेपी में हम सीधे कैंसर पर वार नहीं करते, बल्कि शरीर की अपनी ताकत को बढ़ाकर उसे कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं। यह इलाज उन मरीजों के लिए खासकर फायदेमंद है, जिनके कैंसर पर दवाएं या कीमोथेरेपी असर नहीं करती। सही समय पर जांच और पर्सनल इलाज से हम मरीज की सेहत, जीवन की उम्मीद और इलाज का असर – तीनों को बेहतर बना सकते हैं।“


इम्यूनोथेरेपी शरीर के इम्यून सेल्स को कैंसर सेल्स की पहचान और उनके खात्मे में ज्यादा सक्षम बनाती है। इसमें चेकपॉइंट इनहिबिटर्स जैसी तकनीकों से उन प्रोटीन को ब्लॉक किया जाता है जो इम्यून सेल्स को कैंसर पर हमला करने से रोकते हैं। वहीं, सीएआरटी सेल थेरेपी में मरीज की टी सेल्स को लैब में इस तरह बदला जाता है कि वे कैंसर सेल्स को पहचानकर खत्म कर सकें। यह तरीका ल्यूकेमिया और लिंफोमा जैसे ब्लड कैंसर में काफ़ी प्रभावशाली सिद्ध हुआ है। 


आज इम्यूनोथेरेपी मेलनामा, फेफड़ों के कैंसर और कई ब्लड कैंसर में शानदार नतीजे दे रही है। रिसर्च में यह भी देखा जा रहा है कि इसे कीमोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी के साथ जोड़कर प्रभाव को और बढ़ाया जा सकता है।


भारत में हर साल कैंसर के लगभग 15 लाख नए मामले सामने आते हैं, जिनमें ब्रेस्ट, फेफड़े, सर्वाइकल और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर सबसे ज्यादा हैं। लेकिन इसका खर्च और खास इलाज की सुविधा हर जगह न होने के कारण, सभी मरीजों के लिए इसे उपलब्ध होना आसान नहीं है। सरकारी प्रयासों और रिसर्च के ज़रिए सस्ती इम्यूनोथेरेपी विकसित की जा रही है। दवाओं के सस्ते विकल्पों और बायोसिमिलर वर्ज़न पर काम चल रहा है ताकि इलाज ज्यादा लोगों तक पहुंच सके। 


भविष्य में इम्यूनोथेरेपी का दायरा और बढ़ेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जेनेटिक टेस्टिंग के ज़रिए इलाज को पर्सनलाइज़ किया जा रहा है, जिससे मरीज को उसकी बीमारी के अनुसार सबसे उपयुक्त इलाज मिल सके। ऐसे में कैंसर मरीजों और उनके परिवारों को ऑन्कोलॉजिस्ट से सलाह लेकर इम्यूनोथेरेपी जैसे विकल्पों की जानकारी लेना ज़रूरी है। आर्थिक और इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियां होने के बावजूद इम्यूनोथेरेपी का बढ़ता उपयोग कैंसर इलाज की दिशा में एक बड़ा क़दम है, जिससे इलाज सटीक, प्रभावी और पूरी तरह से रोगमुक्ति दिलाने वाला हो सकता है।

Close Menu

💡 Enjoying the content?

For getting latest content, Please Follow us.

Follow Us