अब गैस्ट्रो सर्जरी में रोबोटिक तकनीक से कम दर्द और तेज़ रिकवरी

हाल के वर्षों में, भारत में रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी तेजी से विकसित हो रही है, खासकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) सर्जरी के क्षेत्र में। कोलोरेक्टल कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर और कठिन हेपेटोबिलरी बीमारियों के बढ़ते मामलों के बीच, रोबोटिक तकनीक एक नई क्रांति ला रही है। यह न केवल सर्जरी की सटीकता बढ़ाती है, बल्कि मरीजों को कम दर्द, छोटे चीरे और तेज रिकवरी का लाभ भी देती है।


डॉ. नीरज चौधरी जो यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा में रोबोटिक और लैप्रोस्कोपिक, जीआई- एचपीबी सर्जरी और ऑन्कोलॉजी डायरेक्टर हैं, उन्होंने कहा कि दुनियाभर में रोबोटिक सर्जरी का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। 2012 से 2022 के बीच, जनरल सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी का उपयोग 1.8% से बढ़कर 17% हो गया। 2020 में लगभग 12.4 लाख रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी की गईं। भारत में भी जीआई सर्जरी में इस तकनीक को अपनाने की गति तेज हो रही है। आधुनिक चिकित्सा तकनीकों की उपलब्धता और रोबोटिक सर्जरी में विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ने से यह प्रक्रिया अधिक लोकप्रिय हो रही है। मरीज अब मिनिमली इनवेसिव सर्जरी के फायदों को समझ रहे हैं, जिससे रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा, "रोबोटिक सर्जरी आधुनिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे मरीजों को कम दर्द, तेज रिकवरी और बेहतर सर्जिकल नतीजे मिलते हैं। इस तकनीक की मदद से हम उन जटिल मामलों का भी प्रभावी इलाज कर सकते हैं, जो पहले बहुत जोखिम भरे माने जाते थे। आने वाले समय में, रोबोटिक सर्जरी को और भी अधिक उपयोगी बनाकर, हम इसे और ज्यादा मरीजों तक पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। 



रोबोटिक जीआई सर्जरी सिर्फ सटीकता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मरीजों के लिए कई फायदे लेकर आई है। खासकर कैंसर सर्जरी में यह तकनीक अधिक फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि इसमें ट्यूमर को अधिक सटीकता से हटाया जा सकता है और लिम्फ नोड डिसेक्शन बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इससे मरीजों को जल्दी अस्पताल से छुट्टी मिलती है और वे अपनी सामान्य दिनचर्या में जल्द लौट पाते हैं। शहरी इलाकों में रोबोटिक जीआई सर्जरी तेजी से लोकप्रिय हो रही है, लेकिन इसे छोटे शहरों तक पहुंचाने की राह में कुछ चुनौतियां हैं। इसकी उच्च प्रारंभिक लागत और विशेषज्ञों की कमी के कारण यह सुविधा अभी सीमित है। हालांकि, रोबोटिक सर्जरी को अधिक उपयोगी बनाने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम, सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी और किफायती रोबोटिक सिस्टम पर काम किया जा रहा है। सरकार और निजी अस्पताल मिलकर इस प्रक्रिया को किफायती बनाने के प्रयास कर रहे हैं, ताकि अधिक मरीज इसका लाभ उठा सकें। 



भविष्य में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक सिस्टम, टेली-सर्जरी और देश में विकसित रोबोटिक तकनीकों के चलते यह क्षेत्र और विकसित होगा। जैसे-जैसे यह तकनीक अधिक किफायती और विस्तृत होगी, वैसे-वैसे अधिक अस्पताल इसे अपनाएंगे, जिससे मरीजों को उच्च स्तरीय इलाज कम परेशानी और अधिक आराम के साथ मिल सकेगा।

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