मिनिमली इनवेसिव न्यूरोसर्जरी से बदल रहा है ब्रेन ट्यूमर का उपचार

मिनिमली इनवेसिव न्यूरोसर्जरी से बदल रहा है ब्रेन ट्यूमर का उपचार

मेरठ: ब्रेन ट्यूमरजिन्हें पहले दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण माना जाता थाआज आधुनिक चिकित्सा तकनीकों की मदद से अधिक प्रभावी रूप से उपचारित किए जा रहे हैं। हाल के वर्षों में मिनिमली इनवेसिव न्यूरोसर्जरी इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में उभरी है। यह अत्याधुनिक तकनीक ब्रेन ट्यूमर के उपचार के तरीके को बदल रही है—जिससे सर्जरी अब पहले की तुलना में अधिक सुरक्षितसटीक और मरीजों के लिए शीघ्र रिकवरी वाली हो गई है। 


पारंपरिक ब्रेन सर्जरी में बड़े चीरे और खोपड़ी की अधिक ओपनिंग शामिल होती हैजिससे रिकवरी समय बढ़ जाता है और जटिलताओं का जोखिम भी अधिक होता है। इसके विपरीतमिनिमली इनवेसिव न्यूरोसर्जरी में छोटे चीरेएंडोस्कोपिक उपकरणों और एडवांस्ड इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया जाता हैजिससे स्वस्थ ऊतकों को कम नुकसान पहुंचाते हुए ट्यूमर तक पहुंचना और उसे हटाना संभव हो जाता है। यह तकनीक सर्जन की विशेषज्ञता और हाई-क्वालिटी विज़ुअल्स एवं इंस्ट्रूमेंट्स से सुसज्जित होती हैजो बेहतर प्लानिंगसुरक्षित ट्यूमर रिमूवल और बेहतर परिणाम सुनिश्चित करती है। 


मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटलद्वारका के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर एवं यूनिट हेड डॉ. (प्रो.) सुमित सिन्हा ने बताया कि “मिनिमली इनवेसिव तकनीक का सबसे बड़ा लाभ इसकी उच्च प्रिसिशन है। ब्रेन के संवेदनशील हिस्सों से ट्यूमर हटाते समय माइक्रोमिलीमीटर स्तर की सटीकता बेहद महत्वपूर्ण होती हैताकि भाषणस्मृति या मूवमेंट को प्रभावित किए बिना उपचार किया जा सके। छोटे चीरे होने के कारण मरीज को कम दर्दकम संक्रमण का खतरा और अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है। ज्यादातर मरीज जल्दी ठीक होकर अपनी सामान्य जीवनशैली में लौट सकते हैं। आसपास की नसों और ऊतकों को कम नुकसान पहुंचने से लकवाबोलने में कठिनाई या कॉग्निटिव फंक्शन में कमी जैसी जटिलताओं का जोखिम भी काफी कम हो जाता है।“ 


सर्जरी के दौरान 3D नेविगेशनइन्ट्राऑपरेटिव MRI या CT जैसी एडवांस्ड इमेजिंग तकनीक सर्जन को रियल-टाइम में मार्गदर्शन देती हैं। इससे ट्यूमर को अधिक सटीकता से हटाना संभव होता है और यह सुनिश्चित होता है कि कोई अवशेष ना छूटे और स्वस्थ ऊतक सुरक्षित रहें। 


डॉ. (प्रो.) सुमित ने आगे बताया कि “यह तकनीक कई प्रकार के ट्यूमर वाले मरीजों के लिए लाभकारी है—जैसे मेनिंजियोमा जैसे बेनाइन ट्यूमरग्लियोमा जैसे मैलिग्नेंट ट्यूमरगहराई में स्थित या कठिन स्थानों पर मौजूद ट्यूमरऔर वे ट्यूमर जो दृष्टिमूवमेंट या भाषण को नियंत्रित करने वाले हिस्सों के पास स्थित हों। कई मामलों में इसे अवेक ब्रेन सर्जरी के साथ भी संयोजित किया जा सकता हैजिसमें मरीज को जागृत रखकर सर्जरी की जाती है ताकि महत्वपूर्ण ब्रेन कार्य सुरक्षित रहें। मिनिमली इनवेसिव तकनीक का मुख्य उद्देश्य अधिकतम सुरक्षित ट्यूमर रिमूवल करना है—यानी जितना संभव हो सके ट्यूमर हटानाबिना ब्रेन फंक्शन को प्रभावित किए। भले ही पूरे ट्यूमर को हटाना संभव न होयह तकनीक ट्यूमर का बोझ कम करती है और आगे की कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी के परिणामों को बेहतर बनाती हैजिससे मरीज की जीवन गुणवत्ता और दीर्घायु दोनों में सुधार होता है।“ 


ब्रेन ट्यूमर उपचार का भविष्य मिनिमली इनवेसिव न्यूरोसर्जरी की ओर बढ़ रहा है। इमेजिंगसर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स और पोस्ट-ऑपरेटिव केयर में लगातार हो रहे सुधार इसे आने वाले समय में प्राथमिक विकल्प बना देंगे। यदि आप या आपका कोई परिचित ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहा हैतो मिनिमली इनवेसिव तकनीकों में प्रशिक्षित न्यूरोसर्जन से परामर्श अवश्य करें। सही समय पर सही तकनीक का चयन रिकवरी और परिणामों में बड़ा बदलाव ला सकता है—क्योंकि ब्रेन के मामले में प्रिसिशन ही सबसे महत्वपूर्ण है।

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