पुरुषों मे प्रोस्टेट बन सकता है कैंसर का कारण हो जाये सावधानः डॉ. हर्षित गर्ग

पुरुषों मे प्रोस्टेट बन सकता है कैंसर का कारण हो जाये सावधानः डॉ. हर्षित गर्ग

पुरुषों के स्वास्थ्य और प्रोस्टेट का स्वास्थ्य आपस में गहराई से जुड़ा हुआ है। प्रोस्टेट पुरुषों में मूत्रमार्ग के पास स्थित एक अखरोट के आकार की ग्रंथि है, जो वीर्य बनाने में सहायक होती है। यह ग्रंथि शुक्राणुओं को पोषण प्रदान करती है। इसलिए, जब हम प्रोस्टेट स्वास्थ्य की बात करते हैं, तो यह पुरुषों के समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। आज, चिकित्सा विज्ञान में हुए नवाचारों की बदौलत प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियों का प्रबंधन अत्याधुनिक लेजर और रोबोटिक तकनीक के माध्यम से संभव हो गया है। प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और प्रारंभिक चरण में कोई विशेष लक्षण प्रकट नहीं करता। इसका मतलब है कि बिना किसी लक्षण के भी यह बीमारी हो सकती है। जब तक पेशाब करने में कठिनाई या पेशाब में खून जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तब तक कैसर गंभीर रूप से बढ़ चुका हो सकता है। नियमित जांच, जैसे पीएसए (प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन) टेस्ट, शुरुआती चरण में ही इस बीमारी का पता लगाने में सहायक होती है, जिससे प्रभावी उपचार संभव हो पाता है। 

 

मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली के यूरो ऑन्कोसर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. हर्षित गर्ग ने बताया कि पीएसए टेस्ट प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं का पता लगाने के लिए उपयोगी है, लेकिन बढ़ा हुआ पीएसए स्तर हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होता। पीएसए स्तर में वृद्धि के अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे ग्रंथि का सामान्य रूप से बढ़ना, संक्रमण, या हाल की शारीरिक गतिविधियां। यदि पीएसए स्तर बढ़ा हुआ हो, तो कैंसर की पुष्टि से पहले और परीक्षण किए जाते हैं। आधुनिक युग में प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी रोबोटिक तकनीक की मदद से की जाती है। यह तकनीक उन्नत कीहोल सर्जरी का एक प्रकार है, जिसमें अत्यधिक सटीकता के साथ सर्जरी की जाती है। इससे मूत्र रिसाव कम होता है और प्रारंभिक अवस्था में यौन क्रियाशीलता को भी संरक्षित किया जा सकता है। प्रोस्टेट कैंसर और उससे जुड़ी गलत फहमियों को दूर करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।   

 

रोबोटिक तकनीक के आगमन ने केवल उपचार को आसान बनाया है, बल्कि रोगियों को बेहतर जीवनशैली प्रदान की है, इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि अधिक यौन गतिविधि या हस्त मैथुन प्रोस्टेट कैंसर का कारण बनता है। बल्कि, कुछ अध्ययनों के अनुसार, बार-बार वीर्य स्खलन से प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम में कमी सकती है। दूध को अक्सर प्रोस्टेट कैंसर का कारण माना जाता है, लेकिन इसके समर्थन में कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। हम उच्च संतृप्त वसा वाले खाद्य पदाथर्थों से परहेज करने की सलाह देते हैं, क्योंकि वे प्रोस्टेट कैंसर के लिए जोखिम कारक हो सकते हैं। लेकिन दूध का सेवन प्रोस्टेट कैंसर से सीधे तौर पर संबंधित नहीं है।   

 

डॉ. हर्षित गर्ग ने आगे बताया कि रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर रोबोट की मदद से ऑपरेशन करते हैं। रोबोट सिर्फ एक उपकरण है और जब डॉक्टर अपनी गतिविधि रोकते हैं, तो रोबोटिक हाथ भी रुक जाते हैं। रोबोट केवल एक उन्नत उपकरण है, जिसमें उच्ब आवर्धन, 3 डी विजन और अत्यधिक सटीकता होती है, जो सामान्य अंगों को संरक्षित करते हुए बीमारी को हटाने में मदद करता है। रोबोटिक और लेजर सर्जरी प्रोस्टेट बीमारियों के प्रबंधन में दो अलग-अलग तकनीकें हैं। यदि प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ी हुई है और परेशानी का कारण बन रही है, लेकिन कैंसर नहीं है, तो लेजर सर्जरी का उपयोग किया जाता है। यह सर्जरी मूत्रमार्ग के माध् यम से की जाती है। लेकिन, प्रोस्टेट कैंसर या बहुत बड़े आकार की ग्रंथि के मामलों में, प्रोस्टेट ग्रंधि को हटाने के लिए रोबोटिक सर्जरी की जाती है। इसलिए, प्रोस्टेट से जुड़ी किसी भी शंका या संदेह के मामले में, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और समय रहते उचित जांच और उपचार सुनिश्चित करें।

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