दिल्ली के ऐतिहासिक स्थल लाल किले के पास 10 नवंबर 2025 को शाम लगभग 6:55 बजे एक भीषण कार धमाका हुआ, जिसने राजधानी को हिला कर रख दिया। यह धमाका रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक चलती हुई हुंडई i20 कार में हुआ था, जब कार ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी थी। हादसे के बाद कार आग का गोला बन गई और उससे निकली लपटों ने पास खड़ी अन्य गाड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में अब तक 10–13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
घटना का विवरण
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना जबरदस्त था कि कई गाड़ियों में आग लग गई और आसपास जबर्दस्त अफरातफरी मच गई। धमाके से कार और आसपास खड़ी कई गाड़ियाँ, दो ई-रिक्शा और एक ऑटो लगभग पूरी तरह जलकर राख हो गईं। धमाके की आवाज कई सौ मीटर दूर तक सुनी गई और आसपास की इमारतों की खिड़कियों के शीशे टूट गए।
फायर डिपार्टमेंट को 6:50 से 7:05 के बीच कई कॉल मिले और तुरंत 7 फायर टेंडर मौके पर पहुँचे, जिन्होंने आग को 7:29 बजे तक काबू कर लिया।
राहत, बचाव और जांच कार्रवाई
घटना स्थल पर पुलिस, दमकल एवं मेडिकल टीमें तुरंत पहुँच गईं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई गई। जांच एजेंसियों—एनएसजी, एनआईए, फॉरेंसिक विभाग—ने मौके पर पहुँचकर छानबीन शुरू की और घटना को आतंकी साजिश संदिग्ध मानते हुए यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) व विस्फोटक अधिनियम की धाराएँ लगाकर केस दर्ज किया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सुरक्षा स्थिति
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री मोदी सहित कई नेताओं ने घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का वादा किया है। दिल्ली व मुंबई के साथ-साथ देश के कई प्रमुख शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
संदिग्ध और प्रारंभिक सुराग
पुलिस ने जिस एंड i20 कार में धमाका हुआ थी, उसकी पहचान कर ली है। जानकारी के मुताबिक, यह गाड़ी हरियाणा नंबर की रजिस्टर थी और एक साल में सात बार बेची गई थी। वहीं, इसी सुबह, फरीदाबाद (दिल्ली से सटे) में 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी, जो दो डॉक्टरों से जुड़ी बताई जा रही है, हालांकि पुलिस ने दोनों मामलों के बीच कोई कड़ी या लिंक स्पष्ट नहीं किया है।
लाल किले जैसे हाई-सिक्योरिटी क्षेत्र में हुआ यह धमाका दिल दहला देने वाला है और पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है। दिल्ली पुलिस घटना की हर पहलू से जाँच कर रही है और फिलहाल पूरे दिल्ली में चौकसी बरती जा रही है।
लाल किला धमाके के पीछे मुख्य आरोपी डॉ. उमर मोहम्मद था, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था। वह पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के भारतीय मॉड्यूल 'फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल' का हिस्सा था। इस मॉड्यूल के कुछ सदस्य, जिनमें अन्य डॉक्टर भी शामिल थे, हाल ही में गिरफ्तार हुए थे, जिसके बाद उमर मोहम्मद ने धमाके को अंजाम दिया।
दिल्ली पुलिस जांच के अनुसार, उमर मोहम्मद ने ANFO विस्फोटक का इस्तेमाल किया और कार में डेटोनेटर लगाकर रेड फोर्ट के पास इस आतंकी वारदात को अंजाम दिया। ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है। अन्य गिरफ्तार डॉक्टरों व संदिग्धों से पूछताछ जारी है, और सबूत जुटाने के लिए DNA टेस्ट भी कराया जा रहा है।
इस तरह, धमाका जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक संगठित आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था, जिस पर कई राज्यों की सुरक्षा एजेंसियां जाँच कर रही हैं।
लाल किला धमाके से जुड़े संदिग्धों की पिछली गतिविधियाँ आतंकवाद की साजिश, हथियार और विस्फोटक तस्करी, और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए सहयोग के इर्द-गिर्द घूमती थीं।
मुख्य गतिविधियाँ
डॉ. उमर मोहम्मद, जो पुलवामा से है और फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था, लंबे समय से आतंकी गतिविधियों से जुड़ा था और उस पर पिछले कई महीनों से आतंक के लिए धन जुटाने, हथियारों व विस्फोटकों की तस्करी करने के आरोप थे।
यह मॉड्यूल "वाइट कॉलर टेरर" कहलाता है, जिसमें highly educated डॉक्टर शामिल थे।
फरिदाबाद में हाल ही में गिरफ्तार उसके सहयोगियों—डॉ. मुझम्मिल शकील और डॉ. आदिल राठर—पर भी आतंकी गतिविधियों और विस्फोटक सामग्री रखने का आरोप है। उनके गिरफ्तारी के बाद उमर ने धमाका अंजाम दिया।
इस मॉड्यूल की बड़ी साजिश थी—दिल्ली में बड़े पैमाने पर हमला करना। इसके लिए 2,900 किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री Faridabad में जब्त हुई थी। सारे संदिग्धों ने Explosive Chemicals (ANFO) की तस्करी की और कई राज्यों में ट्रांजिट के दौरान कार की ownership बदलते रहे ताकि ट्रैकिंग मुश्किल हो।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उमर मोहम्मद पहले भी आतंक वित्तीय मामले, हथियार की सप्लाई और जैश के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट करने के मामलों के लिए वॉन्टेड था।
नेटवर्क और ताजा गतिविधि
मॉड्यूल ने "फरीदाबाद टेरर नेटवर्क" के नाम से दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब और UP में कई गतिविधियाँ की थीं, जिसमें आतंकी पोस्टर चिपकाना, धमकी देना, व मुख्य स्थानों पर विस्फोटक पहुँचाना शामिल था।
Investigators ने मॉड्यूल के कई सदस्य, खासकर डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है और DNA जांच, विस्फोटक residue, और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर गहन छानबीन जारी है।
इस प्रकार, दिल्ली धमाके में शामिल संदिग्धों की पूर्व गतिविधियाँ अंतरराज्यीय आतंकी सिंडिकेट, वित्तीय जाल, व चुपचाप तस्करी के रूप में थीं, जिसमें खासकर highly educated डॉक्टर सक्रिय थे।

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